Saturday, June 13, 2009

माँ खादी की चादर दे दे ......

माँ खादी की चादर दे दे मैगाँधी बन जाऊंगा ,
सब मित्रो आनंद बीच बैठ कर रघुपति राघव गाऊंगा;
माँ खादी की चादर दे दे मैगाँधी बन जाऊंगा
छूत अछूत नही मानूंगा सब को अपना ही जानूंगा ,
एक मुझे तू लाठी लादे टेक उसे बढजाऊंगा ,
माँ खादी की चादर दे दे मैगाँधी बन जाऊंगा
घड़ी कमर में लटकाऊंगा सैर सबेरे कराऊंगा ,
मुझे रुई की पोनी लादे तकली खूब चलाऊंगा,
माँ खादी की चादर दे दे मैगाँधी बन जाऊंगा
गाँव में ही रहा करूँगा भले कम में किया करउगा ,
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माँ खादी की चादर दे दे मैगाँधी बन जाऊंगा